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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Natural Triglycerides (TG)

  • यही वह रूप है जिसमें omega-3s असली मछली में पाए जाते हैं।
  • सीधा नेचर से → 3 फैटी एसिड्स ग्लिसरॉल से जुड़े होते हैं (इसे “triglyceride” कहते हैं)।
  • फायदे: 100% नेचुरल, शरीर के लिए आसानी से पहचानने योग्य।
  • नुकसान: उतना concentrated नहीं होता → आमतौर पर EPA & DHA की हाई डोज पाने के लिए ज्यादा कैप्सूल्स लेने पड़ते हैं।

Re-esterified Triglycerides (rTG)

  • Fish oil को पहले प्रोसेस किया जाता है → concentrate किया जाता है → फिर दोबारा “triglycerides” में बदला जाता है।
  • तो ये natural TG का एक अपग्रेडेड वर्जन जैसा है: वही स्ट्रक्चर, लेकिन हर कैप्सूल में ज्यादा EPA + DHA।
  • फायदे: ज्यादा absorption + ज्यादा potency।
  • नुकसान: ज्यादा महंगा, क्योंकि ये ज्यादा हाई-टेक है।

📌 शॉर्ट में:

  • Natural TG = fish oil अपने ओरिजिनल फॉर्म में, प्योर और सिंपल।
  • rTG "turbocharged" = fish oil को मैक्स स्ट्रेंथ और absorption के लिए दोबारा बनाया गया।

🐟 Fish gelatin सॉफ्टजेल्स

  • कैप्सूल का खोल मछली की त्वचा से बना होता है।
  • ✅ Pescatarians (जो लोग बीफ/पॉर्क नहीं खाते) के लिए उपयुक्त।
  • डायटरी रिस्ट्रिक्शन्स वाले लोगों के लिए अक्सर हल्का और क्लीनर महसूस होता है।

🐄 Bovine gelatin सॉफ्टजेल्स

  • कैप्सूल का खोल गाय की खाल/हड्डियों से बना होता है।
  • ❌ Pescatarian-friendly नहीं है।
  • आमतौर पर सस्ते और सप्लीमेंट्स में ज्यादा कॉमन होते हैं।


📌 शॉर्ट में: दोनों में अंदर वही Omega-3 मिलता है।
अंतर सिर्फ कैप्सूल के खोल में है:

  • fish gelatin = pescatarian & ocean-based
  • bovine gelatin = cow-based & standard

🐟 छोटे मछलियों (anchovy, sardine, mackerel, jack mackerel) से Omega-3

  • ज्यादा साफ: छोटी मछलियाँ कम समय तक जीवित रहती हैं → भारी धातुओं (जैसे पारा) को अवशोषित करने का कम समय मिलता है।
  • सस्टेनेबल: ये जल्दी प्रजनन करती हैं और बड़े झुंडों में पाई जाती हैं → पर्यावरण पर कम असर पड़ता है।
  • एफिशिएंट: भले ही ये छोटी हैं, लेकिन इनमें नेचुरली Omega-3 भरपूर मात्रा में होता है।

🐋 बड़ी मछलियों (जैसे tuna) से Omega-3

  • ज्यादा एक्सपोजर: बड़ी मछलियाँ ज्यादा समय तक जीवित रहती हैं → भारी धातुओं और टॉक्सिन्स को जमा करने का ज्यादा मौका मिलता है।
  • कम सस्टेनेबल: बड़ी मछलियाँ धीरे-धीरे प्रजनन करती हैं → इकोसिस्टम पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
  • अब भी अच्छा Omega-3 मिलता है, लेकिन अक्सर कंटैमिनेंट्स हटाने के लिए एक्स्ट्रा प्यूरिफिकेशन की जरूरत होती है।

📌 शॉर्ट में:

  • छोटी मछलियाँ = ज्यादा साफ, सुरक्षित, और सस्टेनेबल सोर्स।
  • बड़ी मछलियाँ = भारी धातुओं का रिस्क ज्यादा, कम इको-फ्रेंडली।

कोई टेंशन नहीं – पूरा रिफंड मिलेगा, बिना किसी सवाल के।