
कैल्शियम और मैग्नीशियम ऐसे जरूरी मिनरल्स हैं जो बॉडी के कई फंक्शन्स में मेन रोल प्ले करते हैं। जहां कैल्शियम बोन हेल्थ के लिए फेमस है, वहीं मैग्नीशियम भी मसल फंक्शन, नर्व सिग्नलिंग और एनर्जी प्रोडक्शन के लिए उतना ही जरूरी है। इन दोनों मिनरल्स का बैलेंस्ड इंटेक हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि ये अक्सर साथ में काम करते हैं।
कैल्शियम का इम्पॉर्टेंस
कैल्शियम बॉडी में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला मिनरल है, जो ज्यादातर हड्डियों और दांतों में स्टोर होता है। यह हड्डियों की मजबूती, ब्लड क्लॉटिंग, मसल कॉन्ट्रैक्शन और नर्व फंक्शन के लिए जरूरी है।
बोन हेल्थ
कैल्शियम बोन डेंसिटी बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर हड्डियों की कंडीशन) को प्रिवेंट करने के लिए बहुत जरूरी है। बचपन और टीनएज में, जब हड्डियां ग्रो कर रही होती हैं, तब कैल्शियम की सही मात्रा लेना और भी जरूरी है।
कार्डियोवैस्कुलर फंक्शन
कैल्शियम हेल्दी हार्टबीट और ब्लड वेसल फंक्शन में भी रोल प्ले करता है। यह ब्लड प्रेशर रेगुलेट करने में मदद करता है, जिससे हार्ट डिजीज का रिस्क कम हो सकता है।
मसल कॉन्ट्रैक्शन
कैल्शियम मसल फंक्शन के लिए जरूरी है, जिसमें मूवमेंट के लिए जरूरी कॉन्ट्रैक्शन्स भी शामिल हैं। यह मसल्स के रिलैक्स होने में भी मदद करता है।
मैग्नीशियम का रोल
मैग्नीशियम बॉडी में 300 से ज्यादा एंजाइमेटिक रिएक्शन्स में शामिल है, जिससे एनर्जी प्रोडक्शन, प्रोटीन सिंथेसिस और DNA रिपेयर होती है। कैल्शियम की तरह, मैग्नीशियम भी ज्यादातर हड्डियों में स्टोर होता है और ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी है।
एनर्जी प्रोडक्शन
मैग्नीशियम खाने को एनर्जी में बदलने के लिए जरूरी है। यह एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के प्रोडक्शन में भी रोल प्ले करता है, जो बॉडी की मेन एनर्जी करंसी है।
नर्वस सिस्टम हेल्थ
यह मिनरल नर्व सिग्नलिंग और ब्रेन फंक्शन के लिए बहुत जरूरी है। सही मात्रा में मैग्नीशियम लेने से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स का रिस्क कम हो सकता है और मूड भी बेहतर हो सकता है।
बोन हेल्थ
मैग्नीशियम कैल्शियम के एब्जॉर्प्शन और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करता है, जो स्ट्रॉन्ग हड्डियों के लिए जरूरी है। अगर मैग्नीशियम की कमी हो जाए तो बोन डेंसिटी कम हो सकती है और फ्रैक्चर का रिस्क बढ़ सकता है।
कैल्शियम और मैग्नीशियम बैलेंस
कैल्शियम और मैग्नीशियम का बैलेंस उनकी बेस्ट फंक्शनिंग के लिए बहुत जरूरी है। कैल्शियम मसल्स को कॉन्ट्रैक्ट करता है, जबकि मैग्नीशियम रिलैक्सेशन में मदद करता है। इम्बैलेंस से मसल क्रैम्प्स, अनियमित हार्टबीट और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
ऑप्टिमल रेशियो
एक्सपर्ट्स सजेस्ट करते हैं कि डाइट में कैल्शियम-टू-मैग्नीशियम रेशियो 2:1 मेंटेन करें। ये बैलेंस दोनों मिनरल्स के सही एब्जॉर्प्शन और यूज़ के लिए जरूरी है।
सप्लीमेंटेशन टिप्स
कैल्शियम और मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेते वक्त साइट्रेट या ग्लाइसिनेट जैसे फॉर्म्स चुनें, क्योंकि ये ज्यादा बायोअवेलेबल होते हैं। एक ही मिनरल की हाई डोज लेने से बचें, वरना इम्बैलेंस हो सकता है।
कैल्शियम और मैग्नीशियम के हेल्थ बेनिफिट्स
क्रॉनिक डिजीज का कम रिस्क
रिसर्च बताती है कि इन मिनरल्स का सही इंटेक डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कंडीशन्स का रिस्क कम कर सकता है।
इंप्रूव्ड स्लीप क्वालिटी
मैग्नीशियम अपने कूलिंग इफेक्ट्स के लिए जाना जाता है, जिससे नींद की क्वालिटी और ड्यूरेशन दोनों इंप्रूव हो सकते हैं। कैल्शियम के साथ मिलकर ये मेलाटोनिन (स्लीप रेगुलेटिंग हार्मोन) के प्रोडक्शन को सपोर्ट करता है।
बेहतर बोन डेंसिटी
कैल्शियम और मैग्नीशियम मिलकर हड्डियों को स्ट्रॉन्ग रखते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क कम करते हैं। दोनों मिनरल्स का रेगुलर इंटेक स्केलेटल हेल्थ के लिए जरूरी है।
साइड इफेक्ट्स और प्रिकॉशंस
ओवरकंजम्पशन के रिस्क
बहुत ज्यादा कैल्शियम लेने से किडनी स्टोन और मैग्नीशियम एब्जॉर्प्शन में दिक्कत हो सकती है। वहीं, अगर मैग्नीशियम ओवरडोज हो जाए तो डायरिया और मतली जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
दवाओं के साथ इंटरैक्शन
कैल्शियम और मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स कुछ दवाओं, जैसे एंटीबायोटिक्स और ब्लड प्रेशर मेडिसिन्स के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं। सप्लीमेंट लेना शुरू करने से पहले हेल्थकेयर प्रोवाइडर से कंसल्ट जरूर करें।
निष्कर्ष
कैल्शियम और मैग्नीशियम ऐसे जरूरी मिनरल्स हैं जो बॉडी के कई फंक्शन्स को सपोर्ट करते हैं, जैसे बोन हेल्थ, एनर्जी प्रोडक्शन, कार्डियोवैस्कुलर और नर्वस सिस्टम हेल्थ। इन मिनरल्स का बैलेंस्ड इनटेक डाइट या सप्लीमेंट्स के जरिए मेंटेन करना ओवरऑल वेल-बीइंग के लिए बहुत जरूरी है। इनके बेनिफिट्स और पॉसिबल रिस्क्स को समझकर, आप अपनी हेल्थ को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए स्मार्ट चॉइसेज़ ले सकते हैं।
संदर्भ
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